Women’s World Cup 2025: जेमिमा रोड्रिग्स की तूफानी बल्लेबाजी | जीत के बाद उन्होंने मानसिक संघर्ष के बारे में बात की

Women’s World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज़ जेमिमा रोड्रिग्स ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में शतकीय पारी खेलकर भारत को फाइनल में पहुंचाया।

यह जीत जितनी क्रिकेटिंग उपलब्धि थी, उतनी ही भावनात्मक कहानी भी — एक खिलाड़ी की आत्म-संदेह, मानसिक संघर्ष और वापसी की प्रेरणादायक गाथा।

सेमीफाइनल में रोड्रिग्स की करिश्माई पारी

डी.वाई. पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी, नवी मुंबई में खेले गए रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
टीम की जीत की नींव रखी जेमिमा रोड्रिग्स ने, जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में नाबाद शतक (100)* जड़ा और टीम को जीत की मंज़िल तक पहुंचाया।

जब रोड्रिग्स ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ सोफी मोलीन्यूक्स की गेंद पर विजयी शॉट खेला, तो उनके चेहरे पर खुशी के साथ राहत और भावनाओं की लहर साफ झलक रही थी। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि उनके मानसिक संघर्षों पर विजय थी।

मैं रोज़ रोती थी, पर हार नहीं मानी” — जेमिमा रोड्रिग्स

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेमिमा ने बेहद भावनात्मक बयान दिया, जिसमें उन्होंने पहली बार अपने मानसिक संघर्षों का ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट की शुरुआत में वे भारी चिंता (Anxiety) और आत्म-संदेह से जूझ रही थीं।

“मैं बहुत ईमानदारी से कहना चाहती हूं कि टूर्नामेंट की शुरुआत में मैं काफी चिंता में थी। कई बार मैच से पहले मैं अपनी मां को फोन करके बस रोती रहती थी। जब आप ऐसी स्थिति में होते हैं, तो आप खुद को खो देते हैं। आपको समझ नहीं आता कि क्या करना है,”
— जेमिमा रोड्रिग्स

उन्होंने आगे कहा कि इस मुश्किल समय में उनका परिवार और साथी खिलाड़ियों ने उन्हें टूटने नहीं दिया।

“मेरे मां-पापा ने हमेशा मेरा साथ दिया। अरुंधति रेड्डी, स्मृति मंधाना और राधा यादव मेरे सबसे बड़े सहारे बने। अरुंधति लगभग हर दिन मुझे संभालती थीं। स्मृति बस नेट्स में खड़ी रहती थीं, कुछ नहीं कहती थीं, लेकिन उनकी मौजूदगी ही मेरे लिए बहुत मायने रखती थी।”

टीम से बाहर होना और आत्मविश्वास का टूटना

जेमिमा की वर्ल्ड कप यात्रा शुरुआत में निराशाजनक रही। उनके शुरुआती स्कोर रहे 0, 32, 0 और 33, जिसके बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में टीम से बाहर कर दिया गया।
यह पल उनके करियर का सबसे कठिन मोड़ साबित हुआ।

“जब आप टीम से बाहर होते हैं, तो आप खुद पर शक करने लगते हैं। आपको लगता है कि शायद आप अब इस स्तर पर खेलने लायक नहीं हैं। मैं हमेशा टीम के लिए योगदान देना चाहती थी, लेकिन उस समय मैं कुछ नहीं कर पा रही थी। वो समय मेरे लिए बहुत मुश्किल था।”

लेकिन इसी झटके ने उन्हें और मजबूत बना दिया। उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काम किया, खुद को मानसिक रूप से तैयार किया और अगली ही पारी में न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद अर्धशतक जमाया। फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने वह ऐतिहासिक पारी खेली जिसने भारत को फाइनल तक पहुंचा दिया।

मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बोलीं जेमिमा

रोड्रिग्स ने यह भी कहा कि मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि हिम्मत है। उनका यह बयान भारतीय क्रिकेट में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश बन गया।

“लोग सोचते हैं कि खिलाड़ी हमेशा मजबूत होते हैं। लेकिन हम भी इंसान हैं, हम भी डरते हैं, चिंता करते हैं। मदद मांगना शर्म की बात नहीं है। मैं खुश हूं कि मेरे पास ऐसे लोग हैं जो मुझे समझते हैं और संभालते हैं,”
— जेमिमा रोड्रिग्स

उनकी यह ईमानदारी और संवेदनशीलता सोशल मीडिया पर छा गई। क्रिकेट प्रशंसकों से लेकर पूर्व खिलाड़ियों तक, सभी ने जेमिमा की इस स्वीकारोक्ति की सराहना की और इसे “आधुनिक खेलों में साहस का उदाहरण” बताया।

भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि — पहली बार फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ

भारत की जीत के साथ अब आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल तय हो गया है। रविवार को भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा — दोनों टीमें पहली बार इस ट्रॉफी के लिए भिड़ेंगी।

भारत इससे पहले 2005 और 2017 में वर्ल्ड कप फाइनल खेल चुका है, लेकिन दोनों बार खिताब से चूक गया। इस बार टीम इंडिया के पास इतिहास बदलने का मौका है।
फाइनल नवी मुंबई के उसी डी.वाई. पाटिल स्टेडियम में खेला जाएगा, जहां भारत ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था।

"यह पारी मेरे जीवन की सबसे खास पारी है"

अपनी इस पारी को लेकर जेमिमा ने कहा — “यह शतक मेरे लिए बेहद खास है क्योंकि मैंने जो कुछ झेला, उसके बाद यह पारी मेरे जीवन की सबसे यादगार पारी है।

इसे अपने परिवार, टीम और देश के सामने खेलना मेरे लिए सपने जैसा है। लेकिन मैं फाइनल के लिए एक और खास पारी बचाकर रखी हूं।”

टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने रोड्रिग्स की तारीफ करते हुए कहा कि, “जेमिमा की यह पारी हमारे अभियान का टर्निंग पॉइंट रही। उसने टीम को वो आत्मविश्वास दिया जिसकी हमें जरूरत थी।”

संघर्ष से सफलता तक – प्रेरणादायक सफर

जेमिमा रोड्रिग्स की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान की है जिसने मानसिक जंग जीती और खुद को फिर से साबित किया।
उन्होंने यह दिखाया कि चाहे कितनी भी मुश्किलें हों, आत्मविश्वास, धैर्य और सही लोगों का साथ इंसान को हर बाधा पार करने की ताकत देता है।

आज उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो किसी न किसी रूप में चिंता या आत्म-संदेह से गुजर रहे हैं।
उन्होंने साबित किया कि गिरना कोई हार नहीं, हार मान लेना असली हार है।

निष्कर्ष

सेमीफाइनल की नाबाद शतकीय पारी के साथ जेमिमा रोड्रिग्स ने भारत को न केवल फाइनल तक पहुंचाया, बल्कि लाखों दिलों में उम्मीद और प्रेरणा की ज्योति जला दी।

अब पूरा देश रविवार के फाइनल का इंतज़ार कर रहा है — जहां भारत इतिहास रच सकता है। और शायद, उस दिन जेमिमा फिर से साबित करेंगी कि असली जीत मैदान पर नहीं, मन के भीतर होती है।

ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत महिला क्रिकेट टीम हेड टू हेड (Head to Head)

  • जीते गए मैच (Wins):
    ऑस्ट्रेलिया ने उनसठ (49) मैच जीते हैं।
    भारत ने बारह (12) मैच जीते हैं।
  • हारे गए मैच (Lost):
    ऑस्ट्रेलिया ने बारह (12) मैच हारे हैं।
    भारत ने उनचास (49) मैच हारे हैं।
  • टाई हुए मैच (Tied):
    दोनों टीमों के बीच अब तक कोई मैच टाई नहीं हुआ है।
  • नो रिजल्ट (No Result):
    अब तक कोई भी मैच बिना परिणाम के नहीं रहा है।
  • विजय प्रतिशत (Win Percentage):
    ऑस्ट्रेलिया का जीत प्रतिशत अस्सी दशमलव तैंतीस (80.33%) है,
    जबकि भारत का जीत प्रतिशत उन्नीस दशमलव सड़सठ (19.67%) है।

ह भी पढ़ें: ICC Women’s World Cup 2025

पूरे लेख को पढ़ें

क्रिकेट की हर खबर हिंदी में पढ़ते रहें। ताज़ा अपडेट, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं।

पूरा लेख पढ़ें
ब्रेकिंग

Breaking News Today