IND vs WI: भारतीय क्रिकेट टीम(Indian Cricket Team) ने हार्दिक पंड्या(Hardik Pandya) की कप्तानी में वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 मैचों की टी20 सीरीज को गंवा दिया है। रविवार को दोनों ही टीमों के बीच सीरीज का 5वां और निर्णायक मैच खेला गया। इस मैच में मेजबान वेस्टइंडीज ने भारत को पूरी तरह से धराशायी कर दिया और 8 विकेट की जबरदस्त जीत हासिल की। वेस्टइंडीज (Westindies) ने इस शानदार जीत के साथ ही सीरीज को 3-2 से अपने नाम कर लिया। वहीं जीत की दावेदार मानी जा रही भारत को एक शर्मनाक सीरीज हार का सामना करना पड़ा।
वेस्टइंडीज का अंतिम मैच में जबरदस्त जीत, 8 विकेट की जीत से सीरीज को किया अपने नाम
कैरेबियाई टीम के खिलाफ इस अंतिम टी20 मैच से पहले दोनों ही टीमें सीरीज में 2-2 से बराबरी पर उतरी। जिसमें हार्दिक पंड्या एंड कंपनी को जीत का फेवरेट माना जा रहा था। फ्लोरिडा में खेले गए इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 165 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में वेस्टइंडीज ने ब्रैंडन किंग की 85 रनों की नाबाद दमदार पारी की मदद से 166 रन के लक्ष्य को 18 ओवर में 2 विकेट खोकर ही हासिल कर लिया। जिससे उन्होंने सीरीज को अपनी झोली में डाल दिया।
भारत की सीरीज हार पर कप्तान हार्दिक पंड्या नहीं है निराश
भारत की अंतिम में हुई करारी हार के साथ ही सीरीज जीतने का सपना भी टूट गया। इस हार के बाद कप्तान हार्दिक पंड्या निराश नहीं हैं। उन्होंने मैच के बाद जिस तरह से अपनी प्रतिक्रिया दी है, उससे साफ होता है कि उन्हें हार का कोई गम नहीं है, क्योंकि उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि हार कभी-कभी अच्छी होती है।
हम नहीं उठा सके हालात का फायदा, अभी भी है पर्याप्त समय
हार्दिक पंड्या ने प्रेजेंटेशन सेरेमनी में कहा कि, “जब मैं आया तो हमने अपनी लय को खो दिया। हम हालात का फायदा नहीं उठा सके। हमें खुद को चुनौती देनी चाहिए थी। हमें यहां से बेहतर होना होगा। हमें हर चीज विस्तार से बताने की जरूरत नहीं। मुझे पता है कि टीम में मौजूद सभी खिलाड़ियों के पास इस चीज को समझने के लिए पर्याप्त समय है।“
कभी-कभी हारना होता भी होता है अच्छा, सीरीज में सीखें नई चीजें
इसके बाद कप्तान हार्दिक ने कहा कि, “कभी-कभी हारना भी अच्छा होता है। यदि सकारात्मक चीज की तरफ देखा जाए तो हमने सीरीज में काफी सारी चीजों को सीखा है। प्लेयर्स का करेक्टर देखने को मिला है और इसका श्रेय उन्हें जाना चाहिए। वह मैदान पर आने के साथ लगातार नई चीजें करने की कोशिश कर रहे थे। यह प्रोसेस का हिस्सा है ऐसा मुझे लगता है। अगर मैं किसी हालात में होता हूं तो उस समय मैं वही करता हूं जो मेरे दिमाग में सबसे पहले आता है। यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। मुझे किसी भी युवा खिलाड़ी का बेहतर प्रदर्शन देख सबसे ज्यादा खुशी होती है।“