Virat Kohli: क्या विराट कोहली ने करियर के लिए नहीं किया है संघर्ष? किंग कोहली ने बलिदान और संघर्ष जैसे शब्दों पर कह दी बड़ी बात

Virat Kohli:  विराट कोहली… एक ऐसा क्रिकेटर जो एक नाम नहीं बल्कि एक अहसास बन चुका है। जिसका नाम सुनते ही क्रिकेट प्रेमी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। विराट कोहली आज ना सिर्फ भारत का सबसे चर्चित चेहरा हैं, बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट में इनके नाम की गूंज सुनाई देती है। अपने क्रिकेट करियर में रिकॉर्ड्स का अंबार लगा चुके विराट कोहली किसी भी पहचान के मोहताज नहीं रहे हैं। इन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ा संघर्ष किया है और बड़ा बलिदान दिया है।

विराट ने किंग कोहली बनने के लिए किया है कड़ा संघर्ष

वैसे अक्सर ही हम सुनते हैं कि कोई भी बड़ा क्रिकेटर हो या किसी भी क्षेत्र में ऊंचाईयों पर पहुंचने के बाद उनसे बहुत ही संघर्ष की सीढ़िया चढ़ते हुए ये मुकाम हासिल किया है। इसमें कोई शक नहीं कि हर एक इंसान को सफलता पाने के लिए बहुत ही स्ट्रगल करना होता है और कईं त्याग भी देने होते हैं। ऐसा ही कुछ विराट कोहली ने भी किया है, जिस इंसान ने केवल 18 साल से भी कम उम्र में अपने पिता को खोया हो, जब पिता का शव घर में पड़ा था, तब वो अपनी टीम के लिए मैच में लड़ रहा था। इससे साफ होता है कि कोहली ने अपने जीवन में कोई कम संघर्ष नहीं किया है।

Virat Kohli
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कोहली अपने जीवन में संघर्ष या बलिदान जैसे शब्दों का नहीं करना चाहते हैं यूज

कामयाबी मिलने के बाद हमें कईं क्रिकेटर्स की स्ट्रगल लाइफ के बारे में सुनने को मिलता है, लेकिन यहां विराट कोहली अपने करियर में किसी भी संघर्ष या बलिदान को नहीं मानते हैं। जी हां… विराट कोहली ने खुद अपनी जुबां से कहा है कि उनकी जिंदगी में संघर्ष और बलिदान जैसे शब्द नहीं रहे हैं। उन्होंने एक बहुत बड़ी बात कहते हुए बताया कि वो इस स्टेज पर आकर संघर्ष या बलिदान जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, क्योंकि कोहली के अनुसार संघर्ष और बलिदान वो करते हैं, जिन्हें दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती, जिनके रहने के लिए छत नहीं होती। उन्होंने तो ये काम खुद को अच्छा लगने पर किया है।

कोहली ने कहा, दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होने वाले लोग करते हैं संघर्ष

विराट कोहली ने एक बयान में कहा कि, “सहीं बोलूं, अपने इस पद पर बैठकर मैं संघर्ष और बलिदान जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं कर सकता। मेरे लिए कोई संघर्ष और बलिदान नहीं रहा। मैं वो कर रहा हूं जो मुझे अच्छा लगता है। स्ट्रगल उसका होता है, जिसको दो वक़्त की रोटी नहीं मिलती है। टेस्ट सीरीज में आउट होने की आप किसी ऐसे से तुलना नहीं कर सकते हैं जिसके पास घर में छत नहीं है।” विराट कोहली ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि वो ना सिर्फ एक महान क्रिकेटर हैं, बल्कि उन्हें जिंदगी में संघर्ष और बलिदान की वास्तविक परीभाषा का भी ज्ञान है, खुद के इतने बड़े त्याग के बाद भी उन्होंने दो वक्त की रोटी और रहने का आसरा नहीं होने वाले लोगों को वास्तविक में संघर्षशील करार देकर हर किसी का दिल जीत लिया है।

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Kalp Kalal

Kalp Kalal, एक अनुभवी हिंदी खेल पत्रकार हैं, जिन्होंने 10+ साल क्रिकेट और खेल लेखन में बिताए हैं। उन्होंने Star Sports Network के साथ काम करते हुए हजारों लेख लिखे हैं, जो क्रिकेट की गहरी समझ और दिलचस्प कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाते हैं। Kalp का लेखन सरल और प्रभावशाली होता है, जिससे वे क्रिकेट प्रशंसकों को खेल से जोड़ने में माहिर हैं। उनकी expertise में शामिल है match analysis, player profiles, और sports updates. उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें हिंदी खेल पत्रकारिता में एक अलग पहचान दिलाई है।