Sarfaraz Khan Journey: कहते हैं भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में बल्लेबाजों को स्पिन बॉलिंग खेलना विरासत में मिलता है। यहां पर स्पिन ट्रेक (Spin Track) विकेट होने से टीम इंडिया के बैट्समैन स्पिन में परफेक्ट होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, पिछले कुछ समय से टीम इंडिया (Team India) के बल्लेबाजों को स्पिन बॉलिंग के खिलाफ काफी संघर्ष करते हुए देखा गया है। रोहित शर्मा(Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) भी कभी-कभी स्पिन नहीं समझ पाते हैं। लेकिन इसी बीच टीम इंडिया में डेब्यू करने वाले युवा खिलाड़ी सरफराज खान ने अपनी स्पिन बॉलिंग खेलने की काबिलियत से हर किसी को प्रभावित किया है।
सरफराज ने डेब्यू मैच में ही स्पिनर्स पर दिखाया कन्ट्रोल
सरफराज खान ने राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ अपने इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज किया। उन्हें टेस्ट में डेब्यू का जो मौका मिला, वहां उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। सरफराज खान के इस बेहतरीन प्रदर्शन ने हर किसी को प्रभावित किया है। मुंबई के इस युवा खिलाड़ी ने पहली पारी में 66 गेंद में 62 रन और दूसरी पारी में 72 गेंद में 68 रन बनाए। इस दौरान सरफराज ने स्पिन का बखूबी सामना किया। इंग्लैंड के स्पिनर्स पर फुटवर्क बहुत ही कमाल का रहा। उन्होंने बैकफुट, फ्रंटफुट स्विप जैसे शॉट्स पर काफी कन्ट्रोल दिखाया। तभी तो उनके स्पिन बॉलिंग खेलने की खूब तारीफ हो रही है।
सरफराज ने स्पिन बॉलिंग खेलने के लिए की कड़ी मेहनत
भारत के लिए सरफराज खान ने कुछ ऐसे ही बातों-बातों में ही खेलना का मुकाम हासिल नहीं किया है, उन्होंने स्पिन गेंदबाजी को खेलने के लिए बहुत ही कड़ी मेहनत की है। उन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाने और स्पिनर्स के खिलाफ महारथी बनने के लिए मुंबई से मुरादाबाद और मेरठ से देहरादून का सफर तय किया। उन्होंने कार से 1600 किमी की यात्रा की और अलग-अलग वेन्यू पर जहां स्पिन बॉलिंग फ्रेंडली विकेट हैं, जहां गेंद ज्यादा घुमाव लेती है और नीची रहती है, वैसी पिचों पर दिन में 500 गेंद खेली तभी जाकर आज वो इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
भारत के कईं दिग्गज खिलाड़ियों के कोच का भी रहा है खास रोल
भारत के इस युवा बल्लेबाज के करियर में उनके पिता नौशाद खान का बहुत बड़ा योगदान है, जिन्होंने उन्हें यहां तक पहुंचाया। लेकिन सरफराज के करियर के लिए ना सिर्फ नौशाद को श्रेय दें बल्कि कुछ और कोच भी उनकी सफलता में शामिल रहे हैं। जिसमें टीम इंडिया के खिलाड़ियों में भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे, मोहम्मद शमी के कोच बदरूद्दीन शेख के साथ ही अभिमन्यु ईश्वरन के पिता और कोच आरपी ईश्वरन का भी बड़ा रोल रहा है।
सरफराज ने हर दिन खेली 500 गेंद और किया 1600 किमी का सफर
सरफराज खान को बहुत करीब से देखने वाले एक क्रिकेट कोच ने बताया कि सरफराज हर दिन स्पिन गेंदबाजों की करीब 500 गेंद खेला करते थे, और उन्होंने अलग-अलग जाकर प्रैक्टिस के लिए 1600 किमी तक की यात्रा की। इस कोच ने एक इंटरव्यू में कहा कि, “मुंबई में ओवल, क्रॉस और आजाद मैदान पर प्रतिदिन ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनरों की 500 गेंद खेलने से ऐसा हो पाया। लॉकडाउन के दौरान उसने कार से 1600 किमी की यात्रा की। मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून। उसने यात्रा की और ऐसी जगहों पर खेला जहां गेंद बहुत अधिक टर्न करती है, कुछ गेंद काफी उछाल लेती हैं और कुछ नीची रहती हैं।”
कुलदीप के कोच ने बताया कैसे सरफराज बने स्पिन में परफेक्ट
वहीं सरफराज खान को लेकर कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे ने कहा कि, “लॉकडाउन के दौरान नौशाद ने मुझे फोन किया क्योंकि हम दोनों आजमगढ़ के हैं और जब मैं भारतीय नौसेना का कर्मचारी था तो मुंबई में हमने क्लब क्रिकेट खेला है। इसलिए जब वह चाहता था कि उसके बेटे को अभ्यास का मौका मिले तो मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है।”
“लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने हमारी कानपुर अकादमी में कुलदीप का काफी सामना किया। उन्होंने एक साथ काफी नेट सत्र किए। मैं टी20 मुकाबलों का इंतजाम करता था क्योंकि उस सत्र में मुश्ताक अली टी20 मुख्य टूर्नामेंट था। मुंबई की लाल मिट्टी में खेलकर बड़े होने के कारण स्पिन के खिलाफ सरफराज का खेल परफेक्ट है और वह अपने कदमों का अच्छा इस्तेमाल करता है।”