Ranji Trophy 2024: पिता बॉलीवुड के डायरेक्टर, जो अपने बेटे का बॉलीवुड में किसी भी तरह से बड़ा करियर बना सकते थे। बॉलीवुड डायरेक्टर का बेटा और वो भी एक बहुत ही स्मार्ट लुक… उसे बॉलीवुड में अलग ही मुकाम पर पहुंचा सकता था। लेकिन बेटे की जिद कुछ और थी, पिता भले ही बॉलीवुड के फिल्म निर्माता हैं, लेकिन बेटा अपने करियर का निर्माण क्रिकेट में करने लग गया है और बड़े स्तर पर क्रिकेट खेलने पहली बार उतरते ही बॉलीवुड डायरेक्टर के बेटे ने धमाल मचा दिया है।
बॉलीवुड डायरेक्टर के बेटे का रणजी के रण में धमाल
हाल में 12वीं फेल जैसी हिट फिल्म देने वाले बॉलीवुड (Bollywood) के मशहूर डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) का बेटा अग्नि देव चोपड़ा इन दिनों क्रिकेट के मैदान में रिकॉर्ड्स पर रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा रहे हैं। विधु विनोद चोपड़ा ने कईं और फिल्में भी दी हैं। उनके निर्देशन में कईं बड़ी फिल्में बन चुकी है, ऐसे में उनके बेटे अग्नि को बॉलीवुड में बहुत ही आसानी से काम मिल जाता। लेकिन बेटे का सपना क्रिकेटर बनने का था और आज पूरे वर्ल्ड में नाम की छाप लग गई है।
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विधु विनोद चोपड़ा के बेटे अग्नि ने रणजी में बल्ले से लगाई आग
अग्नि देव चोपड़ा इन दिनों रणजी के रण में जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मिजोरम की टीम से खेलने हुए धमाकेदार परफॉरमेंस दी है और वो इस रणजी सत्र में अब तक केवल 4 मैचों में ही 767 रन बना चुके हैं। अग्नि ने इन केवल 4 मैचों में ही 5 सेंचुरी ठोक दी और वो प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के शुरुआती 4 मैचों में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज भी बन गए हैं। उन्होंने इस रणजी ट्रॉफी में अलग ही रूतबा दिखाया है। जिनके नाम की गूंज अब क्रिकेट गलियारों में खूब सुनाई दे रही है।
इस रणजी ट्रॉफी के 4 मैचों में बना डाले 767 रन, 5 सेंचुरी ठोकी
विधु विनोद चोपड़ा के 25 साल के बेटे अग्नि की बात करें तो वो मूल रूप से मुंबई के रहने वाले हैं। वहीं पर उन्हें अंडर-19 और अंडर-23 क्रिकेट खेलने का मौका मिला। मुंबई में क्रिकेट की प्रतिभाओं का हुजुम है। ऐसे में अग्नि को उनके कोच खुशप्रीत सिंह ने किसी ऐसी टीम से खेलने का सुझाव दिया, जहां मौका मिल सके। ऐसे में अग्नि ने मिजोरम की टीम से खेलना शुरू किया। अपने पहले रणजी मैच में ही इन्होंने शानदार 166 रन बना डाले। दूसरी पारी में भी शतक के करीब पहुंचकर 92 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद तो बल्ला लगातार धमाल मचा रहा है। जो नागालैंड के खिलाफ दूसरे मैच में 166 और 15 रन बनाने में सफल रहे, तीसरे में में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ अग्नि के बल्ले की आग कायम रही और 114 रन कूटे, दूसरी पारी में 10 रन निकले और अभी कुछ ही दिन पहले खेले गए चौथे मैच में मेघालय के खिलाफ ये आग और खतरनाक भड़की और उन्होंने 105 और 101 रन बनातर दोनों पारियों में शतक लगाया।
अग्नि ने कहा, उन्हें कभी फिल्मों में नहीं रही दिलचस्पी
अग्नि ने अपने इस जबरदस्त प्रदर्शन के बाद एक इंटरव्यू में बात की। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने कभी भी किसी काम को लेकर दवाब नहीं बनाया। उन्होंने हमेशा प्रेरित किया कि काम कोई भी करें मजबूती आगे बढ़े। पीटीआई भाषा को दिए एक इंटरव्यू में अग्नि चोपड़ा ने खुद के फिल्मों में करियर चुनने के सवाल को लेकर बहुत बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि, “मुझसे बचपन से यह सवाल पूछा जाता रहा है कि क्या आप फिल्मों में जाएंगे लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी फिल्मों में आऊंगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे पिता फिल्में बनाते हैं तो यह मेरे लिए एक आसान रास्ता होगा। मुझे फिल्मों में कभी दिलचस्पी नहीं थी। मेरा मतलब है कि मुझे फिल्में देखना और अच्छा समय बिताना पसंद है लेकिन यह कभी मेरा जुनून नहीं रहा।“
पापा ने हमेशा किसी भी काम को करने के लिए दिया फ्रीडम
इसके बाद फिल्म डायरेक्टर के बेटे से पूछा गया कि ‘परिंदा’, ‘1942-ए लव स्टोरी’, ‘थ्री इडियट्स (निर्माता)’ और हाल ही में ’12वीं फेल’ जैसी शानदार फिल्में बनाने वाले पिता ने क्या सलाह दी। इस सवाल पर अग्नि ने कहा कि “जब हम छोटे थे तो मेरे पिताजी ने मुझे और मेरी बहन को वही बताया था जो उनके पिता ने उनसे कहा था। अगर तुम्हें सड़क पर मोची बनाना है, अपने सड़क का सबसे अच्छा मोची बनाना। उन्होंने हमें वह करने की आजादी दी जो हम चाहते थे लेकिन उन्होंने हमसे कहा कि अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने का प्रयास करें।“
अपने कोच के कहने पर मुंबई छोड़ मिजोरम से खेल रहे हैं अग्नि
इसके बाद इस युवा खिलाड़ी ने मुंबई के होते हुए भी मिजोरम की टीम से खेलने को लेकर भी खुलासा किया, जहां उन्होंने बताया कि उन्हें मुंबई अंडर-19 और अंडर-23 में खेलने के बाद से ही उनके कोच ने सलाह दी थी कि ऐसी टीम से खेले, जहां उन्हें पर्याप्त मौके मिल सके। प्लेट ग्रुप की टीम मिजोरम से खेल रहे अग्नि ने कहा कि, “मुंबई के लिए आयु वर्ग में उनका पिछला सत्र खराब रहा था। इसके बाद उनके कोच खुशप्रीत सिंह ने उनसे कहा था कि बेहतर होगा कि वह मुंबई के प्रतिनिधित्व का इंतजार छोड़कर ऐसी टीम के लिए खेलें जहां उन्हें ‘खेलने का मौका मिले।“
एलिट ग्रुप में खेले या प्लेट ग्रुप में, मानक सभी के लिए समान
उन्होंने कहा कि,” प्लेट ग्रुप में गेंदबाजी का स्तर निश्चित रूप से एलीट ग्रुप से काफी नीचे है, लेकिन फिर भी प्रदर्शन और काबिलियत अपनी-अपनी होती है। लोग वही कहेंगे जो उन्हें कहना है लेकिन यह मायने रखता है कि आपका प्रदर्शन कैसा है। कई खिलाड़ी हैं जो इसी डिवीजन में खेल रहे हैं और उतने रन नहीं बना रहे हैं। मानक सभी के लिए समान है।”