MS Dhoni: क्रिकेट जगत (World Cricket) में एक से एक महान कप्तान हुए हैं। कुछ ऐसे कप्तान रहे हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी कौशल से जबरदस्त सफलता हासिल की है। इनमें से एक कप्तान पारसमणि पत्थर की तरह साबित हुए। पारसमणि यानी मिट्टी को छू ले तो सोना बन जाए। जिस चीज को छू ले उसे सोने में तब्दिल करने की कला कोई जानता था तो वो थे महेन्द्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)….इस नायाब कप्तान ने अपनी नेतृत्व क्षमता से वर्ल्ड क्रिकेट में समां बांधनें का काम किया है।
वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे महान कप्तानों में शुमार रहे हैं धोनी
महेन्द्र सिंह धोनी(Mahendra Singh Dhoni)… जब ये नाम किसी के जेहन में आता है, तो एक महान कप्तान की छवि हर किसी के मन में अपने आप ही उभरने लगती है। एम एस धोनी(MS Dhoni) यानी जीत की गारंटी…अगर वो किसी टूर्नामेंट में अपनी सेना लेकर उतर जाएं तो टूर्नामेंट में सफलता की गारंटी मिल जाती है, तभी तो वो अपने कप्तानी सफर में आईसीसी के तीनों ही इवेंट जीतने वाले इकलौते कप्तान साबित हुए हैं, तो साथ ही आईपीएल की मेगा टी20 लीग के खिताब को भी 5 बार हासिल किया है।
कप्तानी कौशल से हासिल की है जबरदस्त कामयाबी
इंडियन क्रिकेट (Indian Cricket) को नई ऊंचाईयों तक पहुंचानें वाले कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने लगभग 10 साल तक टीम इंडिया (Team India) का नेतृत्व किया। जिन्होंने ना जानें कितनी ही सफलता अपनी कप्तानी में दिलायी। धोनी ने जिस तरह से अपनी नेतृत्व क्षमता से टीम इंडिया और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स(Chenni Super Kings) को जो कामयाबी दिलायी, आज उन्हें क्रिकेट इतिहास के सर्वकालिन महान कप्तानों में शुमार किया जाता है। धोनी एक बहुत बड़े लीडर रहे। एक शांत मुद्रा, मासूम से दिखने वाले धोनी ने अपनी प्लानिंग से बड़े-बड़े दिग्गजों को धराशायी किया है।
आखिर किसने दिया था धोनी को कप्तान बनाने का सुझाव?
साल 2004 के आखिर में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले महेन्द्र सिंह धोनी को 2007 में टीम इंडिया की कप्तानी मिल गई। केवल 32 महीनों के करियर के बाद ही एमएस धोनी को भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तानी की जिम्मेदारी दे दी गई। जिसके बाद जो कामयाबी इस दिग्गज ने हासिल की। वो पूरी दुनिया ने देखा। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिरकार किसने धोनी को कप्तान बनाने का सुझाव दिया। क्या आप जानते हैं कौन था वो जिसने इस युवा खिलाड़ी में कप्तानी की परख की। शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे। चलिए हम बताते हैं कौन हैं जिसने धोनी की कप्तानी कौशल की पहचान की।
2007 टी20 वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर ने दिया था धोनी को कप्तान बनाने का सुझाव
ये बात दरअसल साल 2007 की है। इस साल वेस्टइंडीज में खेले गए आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप (ICC ODI World Cup 2007) में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी आलोचकों के निशानें पर थे। इसी बीच सितंबर में दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर होने वाले वर्ल्ड क्रिकेट इतिहास में पहली बार टी20 फॉर्मेट का मेगा इवेंट होने जा रहा था। इस टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2007) से टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों नहीं खेलने का फैसला किया। जिसमें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों ने इनकार कर दिया।
क्रिकेट के भगवान ने की थी धोनी में छुपी कप्तानी कौशल की पहचान
सेलेक्टर्स के सामने अब इस नए फॉर्मेट के पहले वर्ल्ड इवेंट में कप्तान चुनने की चुनौती आयी। बीसीसीआई और सेलेक्टर्स बहुत ही माथा पच्ची के बाद भी लीडर के लिए एक नाम तय नहीं कर पा रहे थे। टीम में वीरेन्द्र सहवाग सबसे सीनियर खिलाड़ी थे जो खेलने के लिए तैयार थे, वहीं युवराज सिंह और गौतम गंभीर भी टीम का हिस्सा बनने को तैयार थे। बीसीसीआई कप्तान तय नहीं कर पा रही थी, क्योंकि वीरेन्द्र सहवाग उस वक्त अपनी फॉर्म से जूझ रहे थे। ऐसे में परेशान बीसीसीआई को क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर(Sachin Tendulkar) का साथ मिला।
10 साल के कप्तानी सफर में हासिल की जबरदस्त कामयाबी
द ग्रेट सचिन तेंदुलकर ने महेन्द्र सिंह धोनी के अंदर छिपी नेतृत्व कौशल को पहचान लिया था और उन्होंने इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को टीम इंडिया की कमान सौंपनें का सुझाव दे दिया। सचिन के सुझाव को बीसीसीआई (BCCI) ने तुरंत मान लिया और धोनी को मैन इन ब्ल्यू की कप्तानी एक बड़े आईसीसी टूर्नामेंट के लिए सौंप दी। फिर क्या था, पूरे क्रिकेट जगत को हैरत में डालते हुए माही ने अपनी कप्तानी के पहले ही टेस्ट पास हो गए, जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप का टाइटल भारत की झोली में डालकर पूरे भारत के चहेते बन गए। इसके बाद से टीम इंडिया की सफलता का जो कारवां शुरू हुआ वो लगातार जारी रहा। धोनी भारतीय क्रिकेट के नेतृत्व को आगे ले जाते रहे, जिन्होंने 2011 में 28 साल के इंतजार को खत्म करते हुए भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप भी जीता, जिसके बाद 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीताकर आईसीसी की ये तीनों ही ट्रॉफी जीतानें वाले दुनिया के इकलौते कप्तान बन गए।