IPL 2024: इंडियन प्रीमियर लीग में स्टार स्पिन गेंदबाज युजवेन्द्र चहल ने इतिहास रहा। आईपीएल के 17वें सीजन में दिग्गज स्पिन गेंदबाज युजवेन्द्र चहल ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए आईपीएल में अपने करियर के 200 विकेट पूरे किए। चतुर चहल ने विकेट की डबल सेंचुरी करने के साथ ही आईपीएल के इतिहास में 200 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने। राजस्थान रॉयल्स की जर्सी में खेलते हुए युजवेन्द्र चहल ने इस नायाब उपलब्धि को अपने नाम करने में सफलता हासिल की।
युजवेन्द्र चहल आईपीएल इतिहास के हैं सबसे कामयाब गेंदबाज
आईपीएल के इतिहास में विकेट्स की डबल सेंचुरी बनाने के बाद अब युजवेन्द्र चहल की पुरानी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के द्वारा ना खरीदने की चर्चा ने भी जन्म ले लिया है। बल्लेबाजों को अपनी फिरकी में फंसानें वाला ये गेंदबाज 3 सीजन से राजस्थान रॉयल्स की पिंक जर्सी में खेल रहा है, लेकिन इससे पहले वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू टीम का हिस्सा था। युजवेन्द्र चहल इस लीग के सबसे बेहतरीन विकेट टेकर साबित हुए हैं। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि इस बड़े विकेट टेकर को आरसीबी ने क्यों नहीं खरीदा।
आरसीबी ने युजवेन्द्र चहल पर क्यों नहीं लगाया दांव?
युजवेन्द्र चहल को साल 2013 में आरसीबी ने 10 लाख रूपये में खरीदा था। इसके बाद से वो इस टीम के लिए खेलते रहे और 2021 तक खेले। आरसीबी की जर्सी में युजवेन्द्र चहल ने 139 आईपीएल विकेट झटके। करीब 9 साल तक आरसीबी के प्रमुख गेंदबाज रहने के बावजूद भी युजवेन्द्र चहल को क्यों नहीं खरीदा गया, ये अपने आप में बहुत ही बड़ा सवाल है। जिसका जवाब अब 3 साल के बाद मिला है, जिसे खुद आरसीबी के पूर्व निदेशक रहे माइक हेसन ने दिया है।
हेसन ने बताया, वो खरीदना चाहते थे, लेकिन चहल का नंबर था पीछे
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के पूर्व टीम डायरेक्टर रहे माइक हेसन ने जियो सिनेमा पर रॉबिन उथप्पा के साथ बात करते हुए कहा कि, “युजवेन्द्र चहल को नहीं खरीदने का फैसला हमारा अब तक का सबसे गलत फैसला है। चहल सबसे शानदार गेंदबाज है। हम चहल को खरीदना चाहते थे लेकिन कई बार आपको ये तय करना होता है कि आप किसको खरीदना है। हम चहल और हर्षल पटेल को खरीदना चाहते थे। लेकिन फिर नीलामी की बारी आई जिसमें चहल नंबर 65 पर थे। क्योंकि हम पहले काफी सारे खिलाड़ियों को रिटेन कर चुके थे और हमारी रुचि चहल में ही थी लेकिन दूसरे विकल्प के रूप में हमारी नजरे हसरंगा पर भी थी, जिस पर हमने बोली लगाई और वो हमे मिल गया। जिसके बाद हम चहल को नहीं खरीद सकते थे।“ इसके बाद माइक हेसन ने इस बात को भी स्वीकार किया कि युजवेन्द्र चहल को ना खरीद पाना आरसीबी का सबसे खराब फैसला रहा।