T20WC 2022: भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों रोहित शर्मा की अगुवायी में कुछ ही दिनों के बाद शुरू हो रहे आईसीसी टी20 विश्व कप की तैयारियों में लगी हुई है। टीम इंडिया ने इस तैयारी के तहत पहले ऑस्ट्रेलिया और इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज को अपने नाम कर तैयारियों का अच्छा नमूना पेश किया, लेकिन इसी बीच भारतीय टीम को एक बहुत ही बड़ा झटका तब लगा जब टीम के सबसे बड़े मैच विनर खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह बाहर हो गए हैं।
टी20 विश्व कप से जसप्रीत बुमराह हुए बाहर
अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लेकर कुछ दिन पहले ही मीडिया में बाहर होने की खबरें उठी थी, और आखिरकार सोमवार को खुद बीसीसीआई ने इस स्टार गेंदबाज के बाहर होने की पुष्टि करने के साथ ही ना केवल भारतीय टीम बल्कि करोड़ो क्रिकेट फैंस को भी बड़ा झटका दिया है।
बुमराह को पिछले काफी दिनों से बैक इंजरी से परेशान होना पड़ रहा था। उनकी ये चोट गहरी होती गई और बीसीसीआई की मेडिकल रिपोर्ट में ये पाया गया कि उन्हें बैक स्ट्रेस इंजरी हो गई है। जिसके चलते उन्हें काफी समय तक दूर रहना पड़ सकता है। उनका बाहर होना सीधे तौर पर भारत के लिए बहुत ही जबरदस्त और करारा झटका है।
सुनील गावस्कर ने कहा, ये 2 गेंदबाज कर सकते हैं बुमराह की कमी पूरी
लेकिन वहीं लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने मिड-डे के लिए एक कॉलम लिखा, जिसमें उन्होंने जसप्रीत बुमराह का बाहर होना टीम इंडिया के लिए एक झटका जरूर बताया है, लेकिन साथ ही उन्होंने बुमराह की कमी खलने नहीं देने वाले दो गेंदबाजों के नाम भी बताए हैं। उनका मानना है कि टीम के युवा तेज गेंदबाज दीपक चाहर और अर्शदीप सिंह इस कमी को पूरा कर सकते हैं।
भारत के इस पूर्व महान बल्लेबाज ने अपने कॉलम में लिखा कि, ”विश्व कप में बुमराह की गैर-मौजूदगी निश्चित तौर पर टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। मैं सभी गेंदबाजों का सम्मान करता हूं लेकिन यह कहूंगा कि टीम इंडिया में अन्य कोई गेंदबाज नहीं, जिसकी कमी इतनी खले।”
दीपक चाहर और अर्शदीप कुछ हद तक कर सकते हैं कमी पूरी
उन्होंने आगे लिखा, ”हमने हाल ही में देखा कि जिन दो मैचों में बुमराह खेले थे तो किस तरह अन्य गेंदबाजों को भी सपोर्ट मिला था। साफ है कि उनकी गैर मौजूदगी टी20 वर्ल्ड कप में भारत की संभावनाओं के लिए एक बड़ा झटका है।“
“हालांकि तिरुवनंतपुरम में दीपक चाहर और अर्शदीप ने जिस तरह से परिस्थितियों को भरपूर फायदा उठाया, उसे देखते हुए यह उम्मीद जगी है कि वे कुछ हद तक उनकी कमी को पूरा कर सकते हैं।”