
ICC Champions Trophy: क्रिकेट जगत पर आज यानी 19 फरवरी से आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का बुखार चढ़ने वाला है। इस मेगा इवेंट का आयोजन पाकिस्तान की मेजबानी में पाकिस्तान और यूएई में होने जा रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर फैंस में जबरदस्त क्रेज नजर आ रहा है। क्योंकि ये टूर्नामेंट करीब 8 साल के बाद फिर से वापसी कर रहा है। ऐसे में फैंस एक बार फिर से इस इवेंट के रोमांच का मजा उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रहे हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास
चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन आखिरी बार 2017 में किया गया था। जहां भारतीय क्रिकेट टीम को फाइनल में पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा था। इस टूर्नामेंट ने अब तक अपने 8 एडिशन पूरे कर लिए हैं और ये इस बार 9वां एडिशन खेला जा रहा है। इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें वनडे फॉर्मेट की 8 बेस्ट टीमें हिस्सा लेती हैं। तो चलिए जानते हैं चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत कब से हुई और इसमें 8 टीमें ही क्यों लेती है भाग। जानते हैं इस मेगा इवेंट का पूरा इतिहास
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1998 में विल्स इंटरनेशनल कप के नाम से खेला गया था टूर्नामेंट
आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप के क्रेज को देखने हुए आईसीसी ने 1998 में टॉप-8 टीमों के बीच चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत की। वैसे ये टूर्नामेंट पहले ना तो इस फॉर्मेट में खेला जाता था और ना ही इस टूर्नामेंट का नाम चैंपियंस ट्रॉफी था। 1998 के पहले एडिशन में ये टूर्नामेंट विल्स इंटरनेशनल कप के नाम से खेला गया था। जो नॉक आउट पर आधारित था। जहां किसी टीम के पहला मैच हारने पर वो बाहर हो जाती थी। इस टूर्नामेंट को दक्षिण अफ्रीका ने अपने नाम किया था।
2002 में आईसीसी ने दिया चैंपियंस ट्रॉफी का नाम
इसके बाद आईसीसी ने 2000 में इस टूर्नामेंट का नाम आईसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट का नाम दे दिया। इस बार नाम बदला लेकिन फॉर्मेट वही था। यानी पहला मैच ही टीमों के लिए क्वार्टर फाइनल जैसा था। इसके बाद 2002 में आईसीसी ने बदलाव करते हुए टूर्नामेंट का फॉर्मेट भी बदला और नाम भी बदला। 2002 से टूर्नामेंट का नाम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पड़ा और यहां से टीमों को 2 ग्रुप में बांटा गया और नॉक आउट सिस्टम खत्म कर दिया।
इसके बाद से लगातार इसी फॉर्मेट के आधार पर खेला जा रहा है। जिसमें उस तय समय की वनडे क्रिकेट की टॉप-8 टीमें शामिल होती है। जहां 2 ग्रुप में टीमों को बांटा जाता है। इस टूर्नामेंट की सबसे खास बात ये है कि ये ज्यादा लंबा वक्त नहीं लेता है और रोमांच भी बहुत खास रहता है। टूर्नामेंट को मिनी वर्ल्ड कप के नाम से भी जाना जाता है।
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