Home क्रिकेट ICC WC 2023: कॉलेज और एकेडमी की फीस भरने के लिए रविवार...

ICC WC 2023: कॉलेज और एकेडमी की फीस भरने के लिए रविवार को बेचता था नाश्ता… ऐसी रही है पाकिस्तान के इस स्टार तेज गेंदबाज के संघर्ष की कहानी

1506

ICC WC 2023:  वर्ल्ड क्रिकेट के तमाम मौजूदा स्टार और दिग्गजों के साथ ही कईं युवा प्रतिभाशाली क्रिकेटर्स का जमावड़ा इन दिनों भारत में लगा हुआ है। ये क्रिकेटर्स 5 अक्टूबर से शुरू हो रहे आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में अपना हुनर दिखाने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुके हैं। इस मेगा इवेंट में कईं उभरते सितारें खेल रहे हैं, जिन्होंने हाल के सालों में जबरदस्त पहचान बनायी है। विश्व कप खेलना हर एक क्रिकेटर्स का सपना होता है, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर कईं खिलाड़ियों के लिए बहुत ही संघर्ष भरा रहा है।

ICC WC 2023
HARIS RAUF

हारिस राउफ ने बयां किया संघर्ष का सफर

इनमें से आज हम यहां एक पाकिस्तानी क्रिकेटर की बात करेंगे। हमारे पड़ौसी मूल्क पाकिस्तान क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज हारिस राउफ आज अपनी स्विंग और रफ्तार से बल्लेबाजों के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं, जो अब वर्ल्ड कप में भी अपना जलवा दिखाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, लेकिन हारिस राउफ के इंटरनेशनल क्रिकेट में आने तक बहुत ही संघर्षपूर्ण सफर रहा है, जिसे खुद हारिस राउफ ने अपनी जुबां से बयां किया है।

ICC WC 2023
Haris Rauf

ये भी पढ़े-ICC WC 2023: भारत और नीदरलैंड के बीच वॉर्म-अप मैच की टक्कर, जानें Predicted Playing-11, Where to Watch, Dream-11 Prediction, Pitch & Weather Report

शुरुआती दिनों में फीस भरने करे लिए बेचते थे स्नेक्स

आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप के आगाज होने के ठीक पहले पाकिस्तान के स्पीड स्टार हारिस राउफ ने अपने संघर्ष की कहानी बयां की है, जिसमें उन्होंने बताया कि घर की माली हालात को देखते हुए उन्हें रविवार को लगने वाले बाजार में स्नेक्स तक बेचना पड़ा था। इसी के बूते उन्होंने अपने कॉलेज और एकेडमी की फीस चुकाई है। साथ ही उन्होंने बताया कि वो टेप बॉल से शुरुआती दिनों में खेला करते थे, और पूरा महीना इधर-उधर खेलकर महीनें का 2 या 2.5 हजार रूपये तक कमा लेते थे। हारिस राउफ ने ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बात करते हुए कहा कि, “मैट्रिक(10वीं कक्षा) के बाद मैं रविवार को मार्केट में स्नैक्स बेचा करता था, जिससे मैं पढ़ाई की फीस चुका सकूं। हफ्ते के बाकी दिन मैं स्कूल और अकादमी जाया करता था। जब मैंने यूनिवर्विसटी में दाखिला लिया, तो मेरे पिता की कमाई इतनी नहीं था कि वह मेरी फीस चुका सकें। मैं भी फीस वहन नहीं कर सका, लेकिन टेप-बॉल क्रिकेट खेलना शुरू करने के बाद हालात फीस चुकाने लायक हो गए।”

मां को देते थे टेप बॉल खेलने से मिलने वाला पैसा

उन्होंने आगे कहा कि, जब मैंने यूनिवर्सिटी में एडमीशन लिया, तब मेरे पिता की इतनी कमाई नहीं थी कि वो मेरी फीस भर सकें और मैं भी खर्च नहीं झेल सकता था, लेकिन टेप बॉल क्रिकेट के ज़रिए मैं आसानी ने अपनी फीस मैनेज कर लेता था। पाकिस्तान में जो लड़के पेशेवर रूप से टेप-बॉल खेलते हैं, वो महीने में आसानी से 2 से 2.5 हजार रुपये कमा लेते हैं। मैं इतना कमाता था और अपनी मां को देता था, लेकिन मैंने अपनी इतनी कमाई के बारे में पिता को कभी नहीं बताया।

घर के रसोई में सोने तक की देखने पड़े थे दिन

इसके बाद इस स्टार पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने आगे बताया कि उनका घर इतना छोटा था कि चाचा की शादी होने के बाद उन्हें घर के रसोई में सोना पड़ता था। हारिस ने कहा कि मेरे पिता के तीन भाई हैं और सभी साथ में रहते थे। मेरे पिता के पास बड़ा कमरा था और जब मेरे चाचा की शादी हुई, तो मेरे पिता ने अपना कमरा उन्हें दे दिया। आखिरकार, हम इस स्थिति में पहुंच गए थे, जहां हमें किचन में सोना पड़ रहा था।