IND VS PAK: एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले महामुकाबले को लेकर अब 24 घंटों से भी कम समय शेष रह गया है। इस वक्त तो पूरा क्रिकेट जगत खास राइवलरी पर टकटकी लगाए हुए है। इंडो-पाक टीमें आपस में करीब 10 महीनों के बाद आमने-सामने होने वाली हैं, ऐसे में सभी को इस मैच में जबरदस्त रोमांच की पूरी उम्मीद है।
विराट कोहली हैं ब्रेक लेने के बाद पूरी तरह से तैयार
भारत और पाकिस्तान के बीच सुपर संडे को होने वाले सुपरहीट मुकाबले में फैंस को अपने सबसे चहेते बल्लेबाज विराट कोहली की फॉर्म का भी इंतज़ार है। किंग कोहली पिछले काफी समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे थे, जो इस बड़े टूर्नामेंट में एक अच्छा ब्रेक लेने के बाद तरोताजा होकर मैदान में उतरेंगे।
कोहली ने बिना हिचकिचाएं रखी अपने दिल की बात
विराट कोहली खुद भी एशिया कप के जरिए अपनी खोई लय को पाने के लिए बेताब नज़र आ रहे है, जिसके लिए उन्होंने पिछले 2 दिन से मैदान में खूब पसीना बहाया है।
पाकिस्तान से होने जा रहे इस हाई वॉल्टेज मुकाबले की पूर्व संध्या पर पूर्व कप्तान ने कई चीज़ों को लेकर बात की। इसमें उन्होंने अपनी फॉर्म को लेकर भी बड़ी बात बोली है। कोहली बीसीसीआई पर जारी एक इंटरव्यू में अपने दिल की बात रखी है।
अपनी टीम के लिए मैदान में उतरकर देना चाहता हूं योगदान
इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि, “मैं वो इंसान हूं जो सुबह उठता हैं तो देखता हैं की आज मेरे लिए करने को क्या है। मैं पूरा दिन जो भी करता हूं उसे पूरी तरह जागरूक हो कर, ख़ुशी के साथ करता हूं। लोग मुझसे पूछते हैं कि तुम हमेशा मैदान पर इतनी ज्यादा आक्रामकता कैसे रख पाते हो? मैं उनसे यही कहता हूं कि मैं इस खेल को खेलना पसंद करता हूं इससे प्यार करता हूं। मैं हर गेंद को खेलना चाहता हूं और मैदान पर अपना सबकुछ देना चाहता हूं। बाहर और टीम में भी मुझे लोग पूछते हैं कि कैसे ये सब रखते हो, मेरा एक ही फंडा है कि मैं अपनी टीम को जीताना चाहता हूं, जिसके लिए मैं बना हूं। लेकिन वह नेचुरली नहीं आ रहा था।”
कोई शर्म नहीं है कि मैं हुआ था मानसिक रूप से कमजोर
इसके बाद भारत के रन मशीन कहलाने वाले विराट ने अपनी फॉर्म और रेस्ट को लेकर भी खुलकर बात रखी। उन्होंने कहा कि, “पिछले 10 वर्षों में पहली बार, मैंने एक महीने तक अपने क्रिकेट बैट को नहीं छुआ। मुझे एहसास हुआ कि मैं हाल ही में अपने आप से थोड़ा झूठ बोलने की कोशिश कर रहा था, जैसे कि मैं प्रतिस्पर्धी हूं और यह कर सकता हूं। मैं अपने आप को आश्वस्त कर रहा था कि नहीं, तुममें आक्रामकता हैं। लेकिन मेरा शरीर मुझे रुकने के लिए कह रहा था। मेरा मन मुझसे कह रहा था कि मैं एक ब्रेक लूं और अभी पीछे हट जाऊं।”
उन्होंने कहा, “मुझे यह स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है कि मैं मानसिक रूप से कमजोर महसूस कर रहा था। यह महसूस करना एक बहुत ही सामान्य बात है, लेकिन हम बोलते नहीं हैं, क्योंकि हम हिचकिचाते हैं। हम मानसिक रूप से कमजोर नहीं दिखना चाहते। मेरा विश्वास करो, मजबूत होने के लिए झूठ बोलना कमजोर होने की तुलना में कहीं अधिक बुरा है।”