
क्या टेस्ट क्रिकेट में वापसी करेंगे हार्दिक पांड्या? भारतीय क्रिकेट में हार्दिक पांड्या की टेस्ट वापसी को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा का मानना है कि हार्दिक पांड्या अब भी लाल गेंद के क्रिकेट में अहम भूमिका निभा सकते हैं और अगर वह वापसी का फैसला करते हैं, तो भारत के लिए आदर्श नंबर 7 ऑलराउंडर साबित हो सकते हैं।
उथप्पा के अनुसार, हार्दिक की मौजूदा फिटनेस और स्किल सेट को देखते हुए उनका टेस्ट क्रिकेट में लौटना किसी भी तरह से अवास्तविक नहीं है, खासकर उस तरह से जिस तरह टीम इंडिया हाल के वर्षों में अपने तेज गेंदबाजी ऑलराउंडरों का इस्तेमाल कर रही है।

बदलती टेस्ट रणनीति में फिट बैठते हैं हार्दिक पांड्या
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए उथप्पा ने कहा कि भारतीय टेस्ट टीम अब फिक्स रोल्स की बजाय लचीले कॉम्बिनेशन पर भरोसा कर रही है।
हाल के समय में नीतीश कुमार रेड्डी, हर्षित राणा और वॉशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को परिस्थितियों और टीम बैलेंस के हिसाब से इस्तेमाल किया गया है।
उथप्पा का मानना है कि इसी ढांचे में हार्दिक पांड्या आसानी से फिट हो सकते हैं, बशर्ते वह अपने वर्कलोड को नियंत्रित रखने के लिए तैयार हों।
“अगर हार्दिक पांड्या टेस्ट में नंबर 7 पर लौटते हैं, तो यह शानदार होगा। क्रिकेट में कभी ‘नेवर से नेवर’ नहीं कहना चाहिए,” उथप्पा ने कहा।
क्या BCCI हार्दिक को टेस्ट खेलने से रोकेगा?
उथप्पा ने इस सवाल पर भी खुलकर अपनी राय रखी कि अगर हार्दिक टेस्ट खेलने की इच्छा जताते हैं, तो क्या BCCI उन्हें मना करेगा।
“अगर हार्दिक कहें कि वह टेस्ट खेलना चाहते हैं और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतना चाहते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि BCCI उन्हें मना करेगी,” उथप्पा ने कहा।
उनका मानना है कि हार्दिक जैसे मैच-विनर खिलाड़ी की उपलब्धता भारत के लिए हमेशा बोनस होगी।
गेंदबाजी वर्कलोड पर उठते सवालों का जवाब
हार्दिक पांड्या की टेस्ट वापसी को लेकर सबसे बड़ा सवाल उनकी गेंदबाजी क्षमता और वर्कलोड को लेकर रहा है। इस पर उथप्पा ने आधुनिक क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि आज के ऑलराउंडर से 20-25 ओवर की गेंदबाजी की उम्मीद नहीं की जाती।
“नीतीश कुमार रेड्डी भी एक पारी में 12 ओवर के आसपास ही गेंदबाजी कर रहे हैं। अगर हार्दिक 12 से 15 ओवर प्रति पारी गेंदबाजी करें, तो वह अपनी मौजूदा फिटनेस के साथ यह कर सकते हैं,” उन्होंने कहा।
2018 के बाद नहीं खेले टेस्ट क्रिकेट
हार्दिक पांड्या ने आखिरी बार 2018 में टेस्ट और फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेला था। बार-बार होने वाली पीठ की चोट के कारण उन्होंने रेड-बॉल क्रिकेट से दूरी बना ली और पूरी तरह से व्हाइट-बॉल फॉर्मेट पर ध्यान केंद्रित किया।
इस फैसले ने उन्हें भारत के सबसे अहम सीमित ओवरों के ऑलराउंडरों में से एक बना दिया, भले ही फिटनेस से जुड़ी चुनौतियां समय-समय पर सामने आती रही हों।
हार्दिक पांड्या का टेस्ट रिकॉर्ड
हालांकि हार्दिक का टेस्ट करियर लंबा नहीं रहा, लेकिन उनके आंकड़े प्रभावशाली हैं:
- 11 टेस्ट मैच
- 532 रन, औसत 31.29
- 17 विकेट, औसत 31.05
ये आंकड़े दिखाते हैं कि सीमित अवसरों में भी हार्दिक ने टेस्ट क्रिकेट में संतुलित योगदान दिया है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप: अधूरा सपना?
उथप्पा के मुताबिक, टेस्ट क्रिकेट में वापसी हार्दिक पांड्या के लिए “क्रिकेट को पूरा करने” का मौका हो सकता है। उन्होंने कई ICC व्हाइट-बॉल ट्रॉफी जीती हैं, लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब अब भी उनके करियर से गायब है।
आगे क्या?
हार्दिक पांड्या के न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी T20I सीरीज में खेलने की उम्मीद है, जबकि वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत उन्हें ODI सीरीज से आराम दिया जा सकता है। यह फैसला T20 वर्ल्ड कप 2026 को ध्यान में रखकर लिया जा सकता है।
क्या हार्दिक पांड्या टेस्ट क्रिकेट में वापसी करेंगे? इसका जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में है, लेकिन रॉबिन उथप्पा की राय ने इस बहस को नई हवा जरूर दे दी है। अगर हार्दिक फिट रहते हैं और खुद यह चुनौती स्वीकार करते हैं, तो टीम इंडिया को टेस्ट क्रिकेट में एक और मैच-विनर ऑलराउंडर मिल सकता है।
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