
Vijay Hazare Trophy: भारतीय घरेलू क्रिकेट में बहुत कम पारियां ऐसी होती हैं, जो सीधे राष्ट्रीय चयन की बहस को दोबारा जिंदा कर देती हैं।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम बी ग्राउंड पर विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के एक मुकाबले में ईशान किशन ने ठीक यही किया। कर्नाटक के खिलाफ झारखंड की कप्तानी करते हुए किशन ने ऐसी विस्फोटक पारी खेली, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
कप्तान की पारी, जिसने नई परिभाषा गढ़ी
नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने उतरे ईशान किशन के पास वक्त कम था, लेकिन इरादे असीमित। इसके बाद जो हुआ, वह लिस्ट ए क्रिकेट की सबसे विनाशकारी पारियों में शामिल हो गया। किशन ने सिर्फ 39 गेंदों में 125 रन ठोक दिए, जिसमें 7 चौके और हैरतअंगेज 14 छक्के शामिल थे।
320.51 का स्ट्राइक रेट सिर्फ असाधारण नहीं, बल्कि ऐतिहासिक था। उनकी सेंचुरी महज 33 गेंदों में आई, जो किसी भारतीय द्वारा बनाई गई दूसरी सबसे तेज लिस्ट ए सेंचुरी है। उनसे तेज शतक सिर्फ साकिबुल गनी ने उसी दिन 32 गेंदों में बनाया था।

रिकॉर्ड्स से भरा एक ऐतिहासिक दिन
विजय हजारे ट्रॉफी के उस दिन मानो रिकॉर्ड्स की बारिश हो गई। साकिबुल गनी की 32 गेंदों की सेंचुरी, ईशान किशन की 33 गेंदों की तूफानी पारी और युवा वैभव सूर्यवंशी की 36 गेंदों में सेंचुरी—एक ही दिन में भारतीय बल्लेबाजों द्वारा ऐसा बल्लेबाजी उन्माद पहले कभी नहीं देखा गया।
इन सबके बीच किशन की पारी इसलिए खास रही क्योंकि वह निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए आई और कप्तानी दबाव के साथ खेली गई। उन्होंने मैच की गति कुछ ही मिनटों में पूरी तरह बदल दी। कर्नाटक के गेंदबाजों के लिए लाइन, लेंथ और फील्डिंग सेटअप—सब बेअसर हो गए।
मैच का संदर्भ: झारखंड का 412 रनों का पहाड़
पहले बल्लेबाजी करते हुए झारखंड ने 9 विकेट पर 412 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। विराट सिंह की सधी हुई 88 रन की पारी और कुमार कुशाग्र के 63 रन ने मजबूत आधार बनाया, लेकिन अंतिम ओवरों में असली धमाका ईशान किशन ने किया।
आखिरी 8 ओवरों में झारखंड ने 119 रन जोड़े, जिसमें अकेले किशन का योगदान सबसे ज्यादा रहा। 49वें ओवर में 408 के स्कोर पर उनका आउट होना इस तूफान का अंत था, लेकिन तब तक मैच झारखंड के पक्ष में पूरी तरह झुक चुका था। कर्नाटक के गेंदबाजों के आंकड़े इस तबाही की साफ तस्वीर पेश कर रहे थे।
भारतीय चयनकर्ताओं के लिए साफ संदेश
यह पारी सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं थी, यह एक बयान थी। भारतीय टीम से कुछ समय दूर रहने के बाद ईशान किशन ने जोरदार तरीके से याद दिलाया कि वह आज भी भारत के सबसे खतरनाक व्हाइट-बॉल बल्लेबाजों में से एक हैं।
नंबर 6 पर उतरकर तुरंत रफ्तार पकड़ना, तेज गेंदबाजों और स्पिन—दोनों पर समान आक्रामकता दिखाना और दबाव में टीम को आगे ले जाना, यह सब आधुनिक T20 क्रिकेट की सबसे बड़ी मांग है।
क्या T20 वर्ल्ड कप 2026 में फिनिशर बन सकते हैं ईशान किशन?
T20 वर्ल्ड कप 2026 को देखते हुए टीम इंडिया को ऐसे बल्लेबाज की जरूरत होगी, जो आखिरी ओवरों में मैच पलट सके। ईशान किशन की यह पारी बताती है कि उनमें यह काबिलियत पूरी तरह मौजूद है। विकेटकीपिंग का विकल्प, बाएं हाथ का आक्रमण और कप्तानी अनुभव—ये सभी बातें उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती हैं।
अगर चयनकर्ता लचीले मिडिल ऑर्डर और खतरनाक फिनिशर की तलाश में हैं, तो विजय हजारे ट्रॉफी में खेली गई यह 33 गेंदों की सेंचुरी ईशान किशन के करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है।
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