
IPL 2026: मिनी-ऑक्शन से ठीक पहले BCCI ने मंगलवार को खिलाड़ियों की फाइनल सूची जारी कर दी। शुरू में 1390 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन 10 फ्रेंचाइज़ियों के साथ चर्चा के बाद यह संख्या घटाकर पहले 350 और फिर अपडेट कर 359 खिलाड़ी कर दी गई। इसमें:
- 246 भारतीय खिलाड़ी
- 113 विदेशी खिलाड़ी
शामिल हैं। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि इन 350+ खिलाड़ियों में 244 खिलाड़ी अनकैप्ड कैटेगरी में रखे गए हैं — जिनमें भारत के ऑलराउंडर विजय शंकर भी शामिल हैं।
अब सवाल यह उठता है कि भारत के लिए 12 ODI और 9 T20I खेलने वाले खिलाड़ी को अनकैप्ड क्यों माना गया है?
कैसे हुआ ‘कैंप्ड’ से ‘अनकैप्ड’?
विजय शंकर ने मार्च 2018 से जून 2019 के बीच भारत के लिए सीमित ओवरों का क्रिकेट खेला। उन्होंने इंग्लैंड में हुए ICC वनडे वर्ल्ड कप 2019 में भी भाग लिया था। फिर भी इस बार वे अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी के रूप में ऑक्शन में उतर रहे हैं।
इसका कारण है IPL का नया नियम — जो पिछले साल मेगा-ऑक्शन से पहले लागू किया गया था।
नियम के अनुसार:
“अगर किसी भारतीय खिलाड़ी ने पिछले पाँच कैलेंडर वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मैच (Test/ODI/T20I) की प्लेइंग XI में हिस्सा नहीं लिया है और उसके पास BCCI का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं है, तो उसे अनकैप्ड माना जाएगा।”
चूँकि विजय शंकर ने भारत के लिए जून 2019 के बाद से कोई मैच नहीं खेला है और न ही उनके पास सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट है, इसलिए वे अब अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी के रूप में लिस्ट किए गए हैं।
विजय शंकर का IPL सफर
विजय शंकर के IPL करियर की बात करें तो वे उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने नए-नए मौके तलाशने के लिए कई टीमों का हिस्सा रहे।
अब तक उन्होंने चार फ्रेंचाइज़ियों के लिए खेला है:
पिछला सीज़न कैसा रहा?
2024-25 सीज़न में विजय शंकर को CSK ने 1.2 करोड़ रुपये में खरीदा था।
लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा:
- 5 पारियों में 118 रन
- स्ट्राइक रेट – 129.67
- कोई बड़ी पारी नहीं
- CSK प्वॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे
इस कारण CSK ने उन्हें पिछले महीने रिलीज़ कर दिया। यह साफ है कि नया सीज़न उनके लिए ‘करो या मरो’ जैसा है।
IPL करियर के आँकड़े
अभी तक विजय शंकर का प्रदर्शन:
- 1233 रन
- स्ट्राइक रेट – 129.78
- 7 अर्धशतक
- 9 विकेट (मीडियम पेस)
एक ऑलराउंडर के रूप में उनके पास टीम बैलेंस बनाने की क्षमता है, लेकिन निरंतरता की कमी उन्हें नुकसान पहुँचा रही है।
क्या फिर से मिल सकता है बड़ा मौका?
डोमेस्टिक क्रिकेट में विजय शंकर ने पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है।
वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो:
✔ मध्यक्रम में आकर तेज रन बना सकते हैं
✔ पार्ट-टाइम गेंदबाज़ी कर सकते हैं
✔ फील्डिंग में भरोसेमंद हैं
कई फ्रेंचाइज़ियाँ ऐसे अनुभवी भारतीय ऑलराउंडरों की तलाश में रहती हैं — खासकर अनकैप्ड कैटेगरी में, जहाँ बजट और कॉम्बिनेशन दोनों का फायदा मिलता है।
दबाव जरूर होगा… लेकिन मौका भी उतना ही बड़ा
अब जबकि वे अनकैप्ड ब्रैकेट में आते हैं, तो:
🔹 उनकी बेस प्राइस कम होगी
🔹 टीमों के लिए उन्हें खरीदना ज्यादा आकर्षक होगा
🔹 उनके पास खुद को साबित करने का आखिरी बड़ा मौका हो सकता है
विजय शंकर के लिए यह ऑक्शन उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।
अगर किसी टीम को उनमें वह भरोसा दिखता है जो कभी भारतीय चयनकर्ताओं ने दिखाया था — तो एक बार फिर वह IPL में चमक सकते हैं।
निष्कर्ष
विजय शंकर की कहानी इस बात का उदाहरण है कि क्रिकेट में मौके मिलते तो हैं — लेकिन उन्हें लंबे समय तक बनाए रखना उतना ही मुश्किल होता है।
2019 वर्ल्ड कप में उन्हें ‘3D प्लेयर’ कहा गया था — और अब फिर एक बार IPL में वह अपने थ्री-डाईमेंशनल टैलेंट को साबित करने का समय है।
ऑक्शन के दिन की गिनती शुरू हो चुकी है…
अब देखते हैं — क्या कोई टीम इस अनुभवी लेकिन अनकैप्ड ऑलराउंडर पर दांव लगाती है?
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