भारतीय क्रिकेट टीम मैनेजमेंट इन दिनों एक बड़ी दुविधा में फंसा हुआ है। कप्तान-कोच के सामने एक सवाल बड़ा ही उलझन बन गया है, वो है टीम की प्लेइंग-11 को लेकर, जहां स्क्वॉड में मौजूद दो विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक व ऋषभ पंत में से किसे पहले तवज्जों दें। टीम के लिए ये दोनों ही विकेटकीपर बल्लेबाज अपने-अपने रोल में बिल्कुल ही फिट बैठ रहे हैं, लेकिन संतुलन को देखते हुए किसी एक को ही मौका दिया जा सकता है।
ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक में से कौन हो प्लेइंग-11 का हिस्सा?
पिछले ही दिनों खत्म हुए एशिया कप में दोनों ही खिलाड़ियों को प्लेइंग-11 में एक साथ मौका नहीं मिल सका, जिसके बाद अब मंगलवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की टी20 सीरीज का आगाज होने जा रहा है। इस सीरीज को अगले महीनें होने वाली टी20 विश्व कप को देखते हुए काफी अहम मानी जा रही है।
जहां टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के सामने प्लेइंग-11 चुनने से पहले ये सिर दर्द एक बार फिर से सामने आने वाला है। अब टीम मैनेजमेंट किसे मौका देगी, ये तो वक्त ही बताएगा।
लेकिन इससे पहले क्रिकेट एक्सपर्ट अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दें रहे हैं, जिसमें भारत के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज रहे गौतम गंभीर ने अपनी बात रखी। दिल्ली के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज को जब ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक में से एक को चुनने का सवाल किया, तो उन्होंने पंत को आगे रखा। साथ ही गंभीर ने इसकी वजह भी बतायी।
गंभीर ने कहा, आप कार्तिक को नहीं ले सकते 10-12 गेंद खेलने के लिए
गौतम गंभीर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, “सीरीज में शुरूआत करने के लिए ऋषभ पंत को तरजीह देना चाहिए। क्योंकि मैंने इसे पहले भी कहा है, आप केवल 10-12 गेंद खेलने के लिए अपने प्लेइंग इलेवन में एक टी20 खिलाड़ी नहीं चुनते हैं। इसकी कोई गारंटी नहीं है। वहीं, दिनेश कार्तिक ने टॉप-5 में बल्लेबाजी करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। आपके विकेटकीपर को टॉप-5 में बल्लेबाजी करने में सक्षम होना चाहिए और ऋषभ पंत में किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करने का गुण है।“
ऋषभ पंत के होने से टीम को मिलेगा कॉम्बिनेशन
भारत के इस पूर्व बल्लेबाज ने टीम के कॉम्बिनेशन को लेकर बात की और कहा कि, “मेरे बल्लेबाजी क्रम में निश्चित रूप से ऋषभ पंत होंगे। मैं इस धारणा में विश्वास नहीं करता कि आपको मध्य क्रम में बाएं हाथ के बल्लेबाज की जरूरत है।यह प्लेइंग इलेवन में मानदंड नहीं है, खासकर भारत जैसी टीम में।“