Indian Cricketers Pension: क्रिकेट जगत का सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पास अपार दौलत है और वो इसी वजह से आज क्रिकेट की दुनिया में राज करता है। बीसीसीआई के अंडर खेलने वाले क्रिकेटर्स के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। इनके साथ खेलने वाले वर्तमान खिलाड़ियों को खूब पैसा मिलता है। जिन्हें बोर्ड के द्वारा मोटी सैलरी दी जाती है।
बीसीसीआई की तरफ से खिलाड़ियों की क्या है पेंशन?
आईपीएल से तो खिलाड़ियों की जबरदस्त कमाई होती है, तो साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम में खेल रहे मौजूदा खिलाड़ियों को भी बोर्ड की तरफ से सेन्ट्रल कॉन्ट्रेक्ट के तहत भारी भरकम सैलरी मिलती है। अब सवाल ये है कि भारत के लिए खेल चुके पूर्व खिलाड़ियों को बोर्ड की तरफ से कितनी पेंशन मिलती है। भारत के पूर्व खिलाड़ियों को कितने मैचों के आधार पर कितनी पेंशन दी जाती है।
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मैचों के आधार पर है अलग-अलग पेंशन स्लैब
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को बीसीसीआई की तरफ से दी जाने वाली पेंशन की बात करें तो ये खिलाड़ियों को उनके द्वारा खेले गए टेस्ट मैचों के आधार पर मिलती है। तो चलिए आपको बताते हैं बीसीसीआई की तरफ से पूर्व खिलाड़ियों को किन-किन स्लैब के साथ पेंशन मिलती है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ियों को मिलने वाली पेंशन की बात करें तो इन खिलाड़ियों को पेंशनधारी बनने के लिए कम से कम 25 प्रथम श्रेणी मैच खेलने जरूरी हैं। भारत के लिए कोई खिलाड़ी 25 से 49 प्रथम श्रेणी मैच खेलता है तो उसे बोर्ड की तरफ से 30 हजार रूपये पेंशन मिलती है। तो वहीं 50 से 74 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 45 हजार रूपये प्रति माह पेंशन दी जाती है। इसके अलावा 75 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले खिलाड़ी को बोर्ड की तरफ से 52500 रूपये पेंशन के रूप में दिया जाता है।
इसके अलावा बोर्ड की तरफ से ये मानक तय किए गए हैं कि 31 दिसंबर 1993 से पहले संन्यास लेने वाले और 25 से ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले सभी टेस्ट क्रिकेटरों को पहले 50 हजार मिलते थे, लेकिन अब यह राशि बढ़ाकर 70 हजार कर दी गई है। यानी भारत के लिए 25 या उससे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को इतनी भारी पेंशन दी जाती है।
बीसीसीआई की तरफ से खिलाड़ियों को पेंशन देने की शुरुआत 2004 से की गई। उस वक्त बोर्ड ने भारतीय क्रिकेटर्स और अधिकारियों सहित कुल 174 लोगों के पेंशन के लिए सेलेक्ट किया था और तमाम लोगों को 5 हजार रूपये पेंशन के रूप में मिलते थे। जहां मैचों के आधार पर पेंशन का प्रावधान नहीं था। लेकिन इसके बाद इसमें 2009 में बदलाव किया गया और इसके बाद 2015 में एक और बदलाव हुआ।