Team India: भारतीय क्रिकेट इतिहास में लीजेंड्स कप्तानों की कोई कमी नहीं रही है। टीम इंडिया में पिछले करीब 2 दशक में कुछ बेहतरीन कप्तान मिले, जिसमें सौरव गांगुली से लेकर राहुल द्रविड़, महेन्द्र सिंह धोनी के बाद विराट कोहली और अब रोहित शर्मा का नाम है। इन कप्तानों ने मिलकर टीम इंडिया को नई उंचाईयों तक पहुंचाया है। भारतीय क्रिकेट के इन तमाम कप्तानों के बीच तुलना होती रहती है। जिसमें से पिछले कुछ महीनों में सबसे ज्यादा तुलना महेन्द्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा की कप्तानी के बीच हुई है, क्योंकि दोनों ही दिग्गजों ने टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप का ताज दिलाया है।
माही और हिटमैन में कौन है बेहतर कप्तान?
टीम इंडिया के लिए बतौर कप्तान माही और हिटमैन का अभूतपूर्व योगदान रहा है। दोनों ने भारतीय क्रिकेट और फैंस को वो खुशी के पल दिए हैं, जो सालों में मिलते हैं। ऐसे में इन दोनों दिग्गजों के बीच तुलना होना लाजिमी है। वैसे तो धोनी ने जो कमाल किया है, वो किसी से छुपा नहीं है, लेकिन रोहित शर्मा ने भी कामयाबी के खूब झंड़ें गाड़े हैं। ऐसे में रोहित और एम एस धोनी बेहतरीन कप्तानों में शुमार रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में कईं दिग्गजों के बीच इन दोनों कप्तानों में बेस्ट कप्तान को लेकर बहस होती रही है।
हरभजन सिंह ने रोहित और धोनी की तुलना पर दिया हैरान करने वाला जवाब
रोहित शर्मा इस वक्त टीम इंडिया के लिए जबरदस्त कप्तान साबित हो रहे हैं, तो वहीं धोनी ने टीम इंडिया को करीब 10 साल तक लीड किया और कामयाबी के शिखर को हासिल किया। दोनों ही दिग्गज कप्तान साबित हुए हैं, लेकिन धोनी की सफलता ज्यादा देखी गई है, फिर भी भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी हरभजन सिंह ने माही नहीं बल्कि रोहित शर्मा को बेहतर कप्तान करार दिया है। भज्जी ने हैरान करने वाली बात कहते हुए कुछ मामलों में रोहित शर्मा को धोनी की तुलना में बेस्ट कप्तान करार दिया है।
भज्जी ने रोहित को माही से बताया बेहतर कप्तान
पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिन गेंदबाज रहे हरभजन सिंह ने कहा कि, “मैंने रोहित को धोनी से ऊपर इसलिए चुना क्योंकि रोहित प्लेयर्स के कप्तान हैं। वह प्लेयर्स के पास जाते हैं और उनसे पूछते हैं कि उन्हें क्या चाहिए। उनके साथी खिलाड़ी उनसे बहुत अच्छी तरह से जुड़ते हैं। लेकिन धोनी का अंदाज अलग था।“
इसके बाद भज्जी ने आगे कहा कि, “वह (एम एस धोनी) किसी से बात नहीं करते थे। वह अपनी खामोशी के जरिए अपने विचार व्यक्त करते थे। दूसरों से बात करने का यही उनका तरीका था। धोनी और रोहित पूरी तरह से अलग-अलग कप्तान हैं। एमएस धोनी कभी भी किसी खिलाड़ी के पास नहीं जाते और उससे नहीं पूछते कि आपको कौन सी फील्ड चाहिए। वह आपको आपकी गलतियों से सीखने देते थे।”