Vaibhav Suryavanshi: डिक्शनरी में असंभव नाम की चीज होती है। लेकिन क्रिकेट डिक्शनरी में असंभव जैसा कुछ नहीं होता है। यहां सबकुछ संभव नजर आता है। कब किस दिन कौन क्या रिकॉर्ड बना डाले ये कहा नहीं जा सकता है। ऐसा ही कुछ आईपीएल के सबसे एक्साइटिंग टी20 लीग में देखने को मिला। यहां एक 18 साल का प्लेयर तो सालों से जोहर दिखाता आ रहा है। लेकिन सोमवार वो दिन था जो इतिहास में दर्ज हो गया। क्योंकि यहां इस दिन 14 साल के एक होनहार खिलाड़ी ने ऐसा धमाका किया जिसकी गूंज पूरे वर्ल्ड क्रिकेट में सुनाई देने लगी है।

Vaibhav Suryavanshi
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वैभव सूर्यवंशी ने 14 साल की उम्र में ही IPL में किया धमाका

जी हां.. 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल के 18वें सीजन में धमाका कर दिया है। राजस्थान रॉयल्स के इस राजकुमार ने सिर्फ 35 गेंद में सेंचुरी ठोक तहलका मचा दिया है। गुजरात टाइटंस के खिलाफ पिंक सिटी जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए इस मैच में वैभव ने जबरदस्त बल्लेबाजी की। उन्होंने आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र में तो डेब्यू करने का रिकॉर्ड तो पहले ही तोड़ दिया था अब वो टी20 फॉर्मेट में सबसे तेज 17 बॉल में फिफ्टी और सबसे तेज 35 बॉल में सेंचुरी के साथ ही सबसे कम उम्र में ये कमाल करने वाले प्लेयर बन गए हैं।

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वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल में 35 गेंद में ठोका शतक

आईपीएल के गलियारों में कुछ ऐसे कारनामें हो जाते हैं जो लंबे समय तक याद किए जाते हैं। ऐसा ही कुछ 14 साल के राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल के मुकाबले में गुजरात टाइटंस के खिलाफ किया। जहां उन्होंने सिर्फ 35 गेंद में ही शतक ठोक दिया और आज पूरा वर्ल्ड क्रिकेट इस 14 साल के बच्चे को जानने लगा है। चलिए इस खास पेशकश में आपको बताते हैं आखिर कैसे बिहार के समस्तीपुर के लाल वैभव सूर्यवंशी ने अपने गांव से लेकर आईपीएल का सफर तय किया और इस मेगा टी20 लीग में ब्लॉकबस्टर पारी खेलकर हर किसी की जुबां पर चढ़ गए।

पिता ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए बेच दिया खेत

वैभव सूर्यवंशी आईपीएल के इतिहास के वो इकलौते खिलाड़ी हैं, जिनका जन्म आईपीएल के अस्तित्व में आने के बाद हुआ। वैभव का जन्म 11 मार्च 2011 को हुआ। यानी आईपीएल की शुरुआत होने के करीब 3 साल बाद वैभव सूर्यवंशी का जन्म हुआ। बचपन से ही इस बच्चे में क्रिकेट खेलने को लेकर अलग ही जुनून देखने को मिलता था। वैभव में क्रिकेट प्रतिभा को देखते हुए उनके पिता ने खास बलिदान दिया। ऐसी प्रतिभा के निखार के लिए कई बार बड़े त्याग को देखा गया। जिसमें वैभव के पिता ने एक बहुत बड़ा बलिदान दिया।

12 साल में बिहार की रणजी टीम का बने हिस्सा

अपने बेटे में क्रिकेट का हुनर देख उसे क्रिकेटर बनाने के सफर की शुरुआत उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने की। जहां एक बहुत साधारण परिवार से नाता रखने वाले वैभव के पिता संजीव ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए खेत बेच दिए। साथ ही पिता संजीव सूर्यवंशी उन्हें हर दूसरे दिन बिहार के पटना में मैच दिखाने के लिए 100 किलोमीटर की यात्रा किया करते थे। पिता के इस बड़े त्याग के साथ ही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का भी पूरा सपोर्ट मिला और वैभव के हुनर को देखते हुए उन्हें बिहार क्रिकेट टीम में एन्ट्री करवा दी। वैभव को 13 साल की उम्र से पहले ही बिहार की रणजी टीम से खेलने का मौका मिल गया। इसके बाद उन्हें सीके नायडू ट्रॉफी में भी मौका दिया गया।

समस्तीपुर के वैभव को राजस्थान रॉयल्स ने दिया मौका

देखते ही देखते वैभव सूर्यवंशी को 13 साल की उम्र में भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम में भी चांस मिल गया। पहले ही मैच में सूर्यवंशी ने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ खेले गए मैच में शतक ठोक दिया। इसके बाद तो ये खिलाड़ी धीरे—धीरे अपनी पहचान बनाने लगा। वहीं इसके बाद वो बिहार के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी खेलने लगे। इसके साथ ही वो  ACC एशियन इमर्जिंग अंडर-19 ट्रॉफी में भारत की अंडर-19 टीम से खेलते रहे। आखिर में आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इस अनगढ़े हीरे की पहचान राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच राहुल द्रविड़ और जुबिन भरूचा ने की। और इस 13 साल के हुनरमंद खिलाड़ी को 1.10 करोड़ रुपये में आईपीएल में मौका मिल गया।

19 अप्रैल को मिला आईपीएल में डेब्यू का मौका

आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स में एन्ट्री के बाद वैभव सूर्यवंशी को कुछ दिनों का इंतजार करना पड़ा और फिर उन्होंने 19 अप्रेल को लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ आईपीएल का डेब्यू क्या। इस खिलाड़ी ने अपने आईपीएल डेब्यू की पहली ही गेंद पर छक्का लगाया और इस मैच में उन्होंने सिर्फ 20 गेंद में 36 रन की पारी खेली। इस पारी से ही साबित हो गया कि ये एक भविष्य का सितारा साबित होने वाला है। अपने आईपीएल के करियर की तीसरी ही पारी में वैभव सूर्यवंशी ने शतक ठोक दिया और आज हर किसी की जुबां पर ये नाम चढ़ गया है।