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IND VS AUS:इस युवा खिलाड़ी ने किया ट्रिपल धमाका, रणजी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा निजी स्कोर, क्या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया में हो पाएगी वापसी?

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IND VS AUS: टीम इंडिया में इन दिनों युवा खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त रेस चल रही है। नेशनल टीम में जगह पाने के लिए कई युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी कतार में मौजूद हैं, जो यहां का टिकट पाने के लिए अपना सबकुछ झोंक रहे हैं। घरेलू क्रिकेट से लेकर आईपीएल के प्लेटफॉर्म तक खूब प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में एक और नाम फिर से छाने लगा है, जिसे अब टीम इंडिया का टिकट चाहिए।

Prithvi Shaw
Prithvi Shaw (Source_Scroll.in)

आने वाले महीनें में भारत को अपनी सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है, इससे ठीक पहले इस यंग क्रिकेटर ने ट्रिपल धमाका किया है। जी हां… भारत की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी के रण में मुंबई के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने जबरदस्त जलवा दिखाया है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए ट्रिपल सेंचुरी जड़ डाली है। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी करने का दांवा ठोंका है।

पृथ्वी शॉ का धमाका, रणजी के रण में जड़ी ट्रिपल सेंचुरी

पृथ्वी शॉ ने कमाल की पारी खेलते हुए केवल 383 गेंदों का सामना करते हुए 379 रन बनाए हैं। भारत के 23 साल के इस युवा बल्लेबाज का इस रणजी सीजन में अब तक तो बल्ला खामोश था, लेकिन इस सीजन के 5वें मैच में अपने उफान पर देखा गया। जहां उन्होंने असम के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा कर रख दी। इस मैच के दूसरे ही दिन उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर की सबसे बेहतरीन पारी खेलते हुए तिहरा शतक जड़ा। उन्होंने इस पारी के दौरान 49 चौके और 4 छक्के जड़े।

Prithvi Shaw
Prithvi Shaw (Source_The Indian Express)

रणजी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा निजी स्कोर किया अपने नाम

इस मैच में पृथ्वी पहले दिन 240 रन के स्कोर पर नॉटआउट गए थे। दूसरे दिन उन्होंने काफी खतरनाक रूप दिखाया। दूसरे दिन के खेल में उन्होंने केवल 99 गेंद में 139 रन बनाए और 379 रनों का साथ रणजी के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाया। इससे पहले 1948 में भाउसाहेब निम्बालकर ने 442 रन की नाबाद पारी खेली थी। इस स्टार खिलाड़ी ने मुंबई के ही पूर्व दिग्गज खिलाड़ी संजय मांजरेकर के दूसरे सबसे बड़े निजी स्कोर के रिकॉर्ड को पीछे किया। संजय मांजरेकर के नाम 1991 में हैदराबाद के खिलाफ 377 रन का स्कोर है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए पेश की मजबूत दावेदारी

टीम इंडिया अगले ही महीनें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैचों की टेस्ट सीरीज की मेजबानी करने जा रही है। इस सीरीज को लेकर आने वाले कुछ ही दिनों में टीम सेलेक्शन देखा जा सकता है, ऐसे में पृथ्वी शॉ ने यहां पर मजबूत रूप से टीम का टिकट पाने की दावेदारी ठोंक दी है। इस पारी के बाद उन्हें उम्मीद है कि उन्हें फिर से भारतीय टीम में वापसी मिलेगी।

भारत के लिए अपने डेब्यू टेस्ट में ही जड़ चुके हैं शतक, अब तक खेले हैं केवल 5 मैच

मुंबई के इस युवा बल्लेबाज को केवल 19 साल की उम्र में ही भारतीय टीम में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिल गया था। इस डेब्यू मैच में ही उन्होंने जबरदस्त पारी खेलते हुए शतक जड़ा था। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट करियर का शानदार आगाज करने के बाद पृथ्वी कुछ खास नहीं कर सके और अब तक केवल 5 टेस्ट मैच ही खेल सके हैं। जिसमें उन्होंने करीब 43 की औसत से 1 शतक और 2 अर्धशतक की मदद से 339 रन बनाए थे।

इस स्टार बल्लेबाज ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। दिसंबर 2020 में एडिलेड में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने के बाद लगातार वापसी की तलाश कर रहे हैं। उन्हें अब तक टेस्ट क्रिकेट में कमबैक का मौका नहीं मिल सका है। अब पिछले रणजी सीजन के बाद इस रणजी में भी दमदार बल्लेबाजी के बाद उन्हें चयनकर्ताओं पर भरोसा है, कि वो उन पर भरोसा दिखाएंगे।

इस ट्रिपल सेंचुरी के बाद क्या सेलेक्टर्स पृथ्वी पर करेंगे विचार?

वैसे पृथ्वी शॉ को मैन इन ब्ल्यू के साथ नीली जर्सी पहनने का मौका मिला, जहां उन्होंने अब तक 6 वनडे और 1 टी20 मैच खेले हैं, लेकिन इस दौरान कुछ खास नहीं कर सके और 49 रन उनका बेस्ट स्कोर रहा है। इसके बाद से वो लगातार नजरअंदाज किए जा रहे हैं। सेलेक्टर्स के लगातार अनदेखी करने के बाद हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ मौका नहीं मिलने पर उनका दर्द भी छलका था, जिन्होंने अपनी पीड़ा बयां की थी। अब इस ट्रिपल धमाके के बाद एक बार फिर से पृथ्वी शॉ ने वापसी के लिए मजबूती के साथ टीम इंडिया का टिकट पाने के लिए दरवाजा खटखटाया है, अब देखना ये है कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका मिलता है या नहीं।