KING KOHLI: पाकिस्तान ने जब भारत के सामने 160 रनों का लक्ष्य रखा, जो कतई भी मुश्किल नहीं था, बैटिंग पावरहाउस मानी जाने वाली टीम इंडिया में रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या जैसे बल्लेबाज थे, इनके लिए ये टारगेट किसी मायने में चुनौतीपूर्ण नहीं था, लेकिन भारत ने दूसरे ही ओवर में केएल राहुल का विकेट खो दिया।
विराट बल्लेबाजी करने उतरे, लेकिन देखते ही देखते रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव और नंबर-5 पर आए अक्षर पटेल भी चलते बने। विराट दूसरे छोर से केवल 31 रन के योग तक टीम को एक के बाद एक विकेट खोते हुए देख रहे थे।
यहां से टीम इंडिया की जीत की उम्मीदें खत्म सी नजर आ रही थी, यहां से किसी एक को स्पेशल और यादगार पारी की जरूरत थी, लेकिन इसके लिए भी क्रीज पर कोहली का साथ देने कोई मौजूद नहीं था। अब तो जो लक्ष्य पारी की शुरुआत में बहुत ही आसान दिख रहा है, वो मानों एवरेस्ट से भी बड़ा नजर आने लगा। त्रिमूर्ति में से राहुल और रोहित तो टीम को मझधार में छोड़ चल पड़े थे।
रन मशीन कोहली अकेले रह गए, जिनके लिए टीम को इस संकट की स्थिति से उबारना बिल्कुल भी आसां नहीं था। अब यहां से उन्हें अपने पूरे अनुभव को ना सिर्फ झोंकना था, बल्कि अपने साथी खिलाड़ी को भी साथ लेकर चलना था।
लेकिन किंग तो किंग है, उसे किसी कहां कोई रोक सकता है, कोहली ने अपने 100 से ज्यादा इंटरनेशनल टी20 मैचों का अपना 10 साल का अनुभव पाकिस्तान के खिलाफ इस बहुत ही खास मैच के लिए लगा दिया। भारत के सबसे चिर प्रतिद्ंद्वी टीम खिलाफ उन्होंने ऐसा कमाल किया कि विरोधी पाकिस्तान टीम ही नहीं बल्कि पूरा विश्व क्रिकेट देखता ही रह गया।
संकटमोचक बनते हुए इस दिग्गज बल्लेबाज ने करिश्माई बल्लेबाजी से मेलबर्न से लेकर हिंदुस्तान तक भारत का तिरंगा बुलंद किया। जहां एक समय तो फैंस खामोश से हो गए थे, लेकिन इन फैंस को यादगार और गौरवपूर्ण पल का अहसास करवा कर ही दम लिया।
हार्दिक पंड्या ने जरूर साथ दिया, और 110 रन की साझेदारी कर जीत के करीब पहुंचाया लेकिन अंत में वो भी भी साथ छोड़ चले गए। इसके बाद फिनिशर दिनेश कार्तिक भी मैच को फिनिश नहीं कर सके। लेकिन अंगद के पैर की तरफ क्रीज पर जम चुके कोहली ने 53 गेंदों में नाबाद 82 रनों की कभी ना भूलने वाली पारी खेल टीम को जीता कर ही वापस लौटे।
वाकई में आज मैच की इस स्थिति में यहां कोहली जैसा करिश्माई बल्लेबाज के अलावा बाकी किसी के लिए काम इतना आसान नहीं होता, क्योंकि इन्होंने अपने रूतबे को दिखाया कि क्यों उन्हें किंग कोहली या चेज मास्टर कहा जाता है। भारत के लिए आज इस लीजेंड एक बार फिर से संकटमोचक बनकर ये साबित किया कि क्यों उन्हें किंग कोहली कहा जाता है।