भारतीय क्रिकेट टीम को किसी भी बड़े टूर्नामेंट में कोई ना कोई एक ऐसा खिलाड़ी मिल जाता है, जो अपने प्रदर्शन से एक खास प्रभाव छोड़ता है। इस बार हर किसी की नजरें टीम के मुख्य खिलाड़ियों पर टिकी थी, लेकिन एक वा खिलाड़ी ने ऐसा कमाल किया कि पूरा का पूरा ध्यान उन्होंने अपनी ओर आकर्षित किया है, और लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।

ARSHDEEP SINGH
ARSHDEEP SINGH(Source_Rediff.com)

अर्शदीप सिंह कर रहे हैं जबरदस्त गेंदबाजी

हम यहां पर टीम इंडिया के युवा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की बात कर रहे हैं। इस पंजाबी गेंदबाज को एशिया कप में बाहर होने का सबसे बड़ा गुनहगार माना जा रहा था, लेकिन यहां पर उन्होंने ऐसा प्रदर्शन किया की तमाम आलोचकों के मुंह बंद कर दिए।

Arshdeep Singh(Source_India Ahead

ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहे इस टी20 विश्व कप के पहले ही मैच में पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट झटके, जिसके बाद तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। अपनी शानदार लाइन-लैंथ और वेरिएशन के दम पर अब तक 4 मैचों में ही 9 विकेट ले चुके हैं।

ऑस्ट्रेलिया में कैसे मिल रही है कामयाबी, किया खुलासा

बांग्लादेश से खेले गए मैच के बाद अर्शदीप सिंह ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ एक खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी गेंदबाजी को लेकर कई तरह की बातें की। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कामयाबी हासिल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि, मेरा ध्यान हमेशा से प्रदर्शन में निरंतरता पर रहा है। इंटरनेशनल लेवल पर आप काफी ढीली गेंद फेंकने की स्थिति में नहीं होते। मैं नई गेंद या फिर पुरानी गेंद से भी गेंदबाजी करते हुए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। मैं जरूरत के हिसाब से विकेट चटकाना चाहता हूं या फिर रन गति पर अंकुश लगाना चाहता हूं।

इसके बाद उन्होंने भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हांब्रे को सीधे तौर पर श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि, पारस म्हांब्रे ने मेरे साथ गेंदबाजी रन अप पर काम किया। अगर मैं सीधा(गेंदबाजी एंगल) आऊंगा तो मेरी लाइन में अधिक निरंतरता होगी। ऑस्ट्रेलिया की विकेटों पर आप खराब लाइन के साथ गेंदबाजी नहीं कर सकते।

इसलिए मैं सीधे आने का प्रयास कर रहा हूं और मुझे नतीजे भी दिख रहे हैं लेकिन उम्मीद करता हूं कि इससे भी बेहतर करूंगा।

ऑस्ट्रेलिया के हालात में ढलने को लेकर अर्शदीप ने कहा कि, हम लगभग एक हफ्ता पहले पर्थ पहुंचे और अपनी लेंथ पर काम किया क्योंकि सभी की लेंथ अलग अलग होती है।

प्रैक्टिस करते हुए हम बाउंस को देखते हुए सही लेंथ को पहचानने में सफल रहे। मुझे लगता है कि अच्छी तैयारी के साथ हमने अच्छे नतीजे हासिल किए।